Mahakaleshwar Jyotirling ujjain 1/12उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर का कार्य पूरा हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम 11 अक्टूबर को शाम का तय माया जा रहा है. शाम होते ही रोशनी से जगमगाते महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण किया जाएगा. महाकाल कॉरिडोर में विभिन्न देवी देवताओं की बड़ी मूर्तियों की स्थापना का काम तेजी से चल रहा है. 108 स्तंभ बनाये जा चुके हैं. कॉरिडोर में शिव कथा को दर्शाने वाले चित्रांकन किये जा रहे हैं. भव्य प्रवेश द्वार बनाया गया है. उज्जैन में बन रहा कॉरिडोर काशी विश्वनाथ मंदिर से आकार में करीब 4 गुना बड़ा है. महाकाल कॉरिडोर में शिव तांडव स्त्रोत, शिव विवाह, महाकालेश्वर वाटिका, महाकालेश्वर मार्ग, शिव अवतार वाटिका, प्रवचन हॉल, रूद्रसागर तट विकास, अर्ध पथ क्षेत्र, धर्मशाला और पार्किंग सर्विसेस भी तैयार किया जा रहा है. इससे भक्तों को दर्शन करने और कॉरिडोर घूमने के दौरान खास अनुभव होने वाला है.mahakal corridor2/12महाकल के पथ पर सबसे पहले आपको नजर आएगा महाकाल का सबसे प्रिय गण नंदी, जिसे एक द्वार का स्वरूप देकर विशालकाय रूप में शिखर पर 4 नंदी प्रतिमा को विराजमान कर द्वार बनाया गया है. जिसके ठीक सामने शिव पुत्र गणेश और विपरीत दिशा में त्रिशूल और रुद्राक्ष की मूर्ति नजर आएगी. इस भव्य नंदी द्वार में 10 दिगपाल और 8 अलग-अलग पिलर सुंदर कलाकृतियों के साथ नजर आएंगे, जिसे राजस्थान के बंसी पहाड़पुर सेंड स्टोन से राजस्थान के कारीगरों ने तराशकर तैयार किया है.mahakal corridor3/12नंदी द्वार के प्रवेश के बाद ही आपको कॉरिडोर में कमल को नजर आएगा जिस के बीचो बीच ध्यान मुद्रा में दिखाई देंगे और चार अलग-अलग दिशाओं में चार सिंह की मूर्ति भी लगाई गई हैं. फव्वारे और इस कमल कुंड की खूबसूरती रात की रोशनी में देखते ही बनती है. दरअसल, माना जाता है कि महाकाल वन के वक्त इसी स्थान पर कमल खिला करते थे. यही वजह है किस स्थान पर कमल को तैयार कर शिव को ध्यान मुद्रा में मूर्त रूप में दिखाया गया है.

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